Electoral Bond Kya Hai: क्यों लगा दी गई रोक?

electoral bond kya hai : इलेक्टोरल बॉन्ड राजनीतिक दलों को चंदा देने का एक वित्तीय जरिया है जिसमे कोई आदमी या कॉर्पोरेट या कंपनी अपने हिसाब से चंदा दे सकती है। परन्तु अब इलेक्टोरल बॉन्ड पर रोक लगा दी गयी है। इस आर्टिकल में हम जानेंगे की इलेक्टोरल बॉन्ड क्या होता है, इसे कैसे और कौन खरीद सकता है, और इस पर रोक क्यों लगाई गयी है।

electoral bond kya hai

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Electoral bonds were introduced in 2017. Electoral bonds allowed any individual or individuals and corporate groups to anonymously donate unlimited amounts of money to any political party. Under the Electoral Bond Scheme, electoral bonds in fixed denominations were purchased from SBI by donors and handed over to any political party that could encash them. The bonds did not require the beneficiary political parties to disclose the name of the donor to anyone, even the Election Commission of India (ECI).

Electoral Bond Kya Hai in Hindi

इलेक्टोरल बॉन्ड 2017 में भारत सरकार द्वारा पेश किया गया था। इलेक्टोरल बॉन्ड यानि चुनावी बांड ने कोई भी व्यक्ति या व्यक्तियों और कॉर्पोरेट समूहों को गुमनाम रूप से किसी भी राजनीतिक दल को असीमित मात्रा में धन दान करने की अनुमति दी। Electoral Bond Scheme के तहत, दानदाताओं द्वारा एसबीआई SBI से निश्चित मूल्यवर्ग में चुनावी बांड खरीदे जाते थे और किसी भी राजनीतिक दल को सौंप दिए जाते थे जो उन्हें भुना सकता था। बांड के लिए लाभार्थी राजनीतिक दलों को किसी को भी, यहां तक कि भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) को भी दानकर्ता का नाम बताने की आवश्यकता नहीं थी।

What is Electoral Bond Scheme:

भारत में चुनाव के समय पर राजकीय पार्टी को चंदा देने के लिए इंडियन सरकार ने 2017 में इलेक्टोरल बॉन्ड का concept लाया था। जिससे कोई भी व्यक्ति या कंपनी गुमनाम रूप से किसी भी पार्टी को कितना भी चंदा दे सकती है। इसकी खबर किसी को नहीं लग सकती यहाँ तक के भारत के चुनाव आयोग (EC)को भी नहीं। इलेक्टोरल बॉन्ड को आप SBI से खरीद सकते हो और किसी भी पार्टी को दे सकते हो। जो भी पार्टी उसे खातों में ले सकते है।

Election commision of india द्वारा दिए गए ऑफिसियल आंकड़े के अनुसार पिछले पांच सालो में देश की टॉप कंपनी, PSU Company ने बहुत सरे पैसे का चंदा दिया है।

Electoral Bonds List

पार्टीचंदा (करोड़ रुपये)
बीजेपी6,986.5 (2019-20 में सबसे ज्यादा 2,555)
कांग्रेस1,334.35
टीएमसी1,397
डीएमके656.5
बीजेडी944.5
वाईएसआर कांग्रेस442.8
तेदेपा181.35
सपा14.05
अकाली दल7.26
AIADMK6.05
नेशनल कॉन्फ्रेंस0.50
बीआरएस1,322

Electoral Bonds पर लगाई गई रोक

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, electoral bond sceme चुनावी बॉन्ड योजना , अनुच्छेद 19 (1) (A) का उल्लंघन है। इस कारण सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड पर रोक लगा दी है। जनता को यह जानने का पूरा हक है कि किस सरकार को कितना पैसा मिला है।

अदालत ने निर्देश जारी कर कहा,” स्‍टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने चुनावी बॉन्ड के माध्यम से अब तक किए गए योगदान के सभी विवरण 31 मार्च,2024 तक चुनाव आयोग को दें।” साथ ही कोर्ट ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया कि वह 13 अप्रैल,2024 तक अपनी ऑफिशियल वेबसाइट पर जानकारी साझा करे ।

कब और कौन खरीद सकता है इलेक्टोरल बॉन्ड?

Electoral bond जनवरी, अप्रैल, जुलाई और अक्टूबर महीने में जारी किए जाते हैं। Electoral Bond को ऐसा कोई भी नागरिक खरीद सकता है, जिसके पास एक बैंक खाता है, जिसकी केवाईसी की जानकारियां उपलब्ध हैं। Electoral Bond में भुगतान कर्ता का नाम नहीं होता है।

योजना के तहत SBI से 1,000 रुपये, 10,000 रुपये, एक लाख रुपये, दस लाख रुपये और एक करोड़ रुपये में से किसी भी मूल्य के Electoral Bond खरीदे जा सकते हैं।

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